Current Apple (AAPL) Share Price: What You Need to Know.

जब मैंने पहली बार Apple का नाम सुना – एक आम निवेशक की कहानी

साल 2010 की बात है। कॉलेज के दिनों में जब मोबाइल की दुनिया में क्रांति आ रही थी, मैंने पहली बार किसी के हाथ में iPhone देखा। वह चमकदार था, अलग था, और मेरे जैसे आम लड़के के लिए एक ख्वाब जैसा। उसी दिन एक दोस्त ने कहा, “Apple का शेयर देख, आज फिर से ऊपर गया है।”

Apple Share Price
Apple Share Price

मैं चौंका –सेब का भी शेयर होता है?

वो हँस पड़ा – “नहीं बे, ये Steve Jobs वाला Apple है। जो दुनिया का सबसे कीमती ब्रांड बन गया है।”
उस दिन पहली बार लगा कि शेयर बाजार सिर्फ बड़े लोगों का खेल नहीं, समझ रखने वालों का मौका भी हो सकता है।

Apple का सफर – एक garage से trillion dollar तक

Apple की कहानी एक साधारण गैराज से शुरू हुई थी, जहाँ 1976 में Steve Jobs और Steve Wozniak ने मिलकर एक सपना देखा था। उस समय किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ये छोटा सा स्टार्टअप एक दिन दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी कंपनी बन जाएगा। दो दोस्तों की मेहनत, जुनून और दूरदर्शिता ने Apple को आज उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहाँ पूरी दुनिया इसकी मिसाल देती है।


iPhone के आने के बाद Apple की दुनिया ही बदल गई। लोग इसके प्रोडक्ट्स के दीवाने हो गए। और जहाँ लोग दीवाने होते हैं, वहाँ शेयर की कीमतें चढ़ती हैं – बहुत तेजी से।


अगर हम साल 2010 की बात करें, तो उस समय Apple के एक शेयर की कीमत करीब 30 डॉलर (split-adjusted) के आसपास थी। और आज? वही शेयर 180 डॉलर की ऊंचाई छू रहा है! यानी जिन्होंने उस समय निवेश किया, उनके लिए ये एक शानदार रिटर्न देने वाला फैसला साबित हुआ।


सोचिए, अगर किसी ने सिर्फ 10 हज़ार रुपये भी लगाए होते उस समय, तो वो आज लाखों के मालिक होते।

Apple शेयर – क्या वाकई निवेश के लायक है?

अब सवाल उठता है – क्या आज Apple के शेयर में निवेश करना समझदारी है?

हर कोई सोचता है कि अब तो बहुत ऊपर जा चुका है, इसमें क्या बचा है। लेकिन सच ये है कि Apple एक ऐसा ब्रांड है जो सिर्फ प्रोडक्ट नहीं बेचता – वो पूरी दुनिया की सोच को प्रभावित करता है।


कस्टमर लॉयल्टी: एक बार जो Apple यूज़र बनता है, वो अक्सर ज़िंदगी भर उसी का रहता है।

इन्वेशन: Apple की सबसे बड़ी ताकत है उसका इनोवेशन – हर साल कुछ नया, कुछ अलग। चाहे बात iPhone की हो या हाल ही में लॉन्च हुए Vision Pro जैसे मेटावर्स डिवाइस की – Apple लगातार टेक्नोलॉजी की सीमाओं को आगे बढ़ाता आ रहा है। यही कारण है कि इसके प्रोडक्ट्स सिर्फ डिवाइस नहीं, बल्कि एक अनुभव बन चुके हैं।

कैश रिजर्व: Apple के पास अरबों डॉलर की नकदी है, जो किसी भी मंदी में उसे बचा सकती है।

यानी ये कोई साधारण कंपनी नहीं – ये एक सुरक्षित किला है, जिसमें निवेश करने का मतलब है लंबी दूरी की सवारी।

भारत से Apple शेयर कैसे खरीदें – आम आदमी की भाषा में समझिए

पहले जब मैंने सुना कि विदेशी कंपनियों के शेयर खरीदे जा सकते हैं, तो मुझे लगा ये अमीर लोगों का खेल होगा। डॉलर, फॉर्म, बैंक, टैक्स – सब बहुत भारी-भारी शब्द लगते थे। लेकिन फिर मैंने एक दिन YouTube पर एक वीडियो देखा जिसमें बताया गया कि अब तो यह सब मोबाइल से भी हो सकता है।

आज के डिजिटल दौर में विदेशी शेयरों में निवेश करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। INDmoney, Groww और Vested जैसे ऐप्स के ज़रिए आप सिर्फ कुछ मिनटों में, अपने पैन और आधार कार्ड से अकाउंट खोल सकते हैं। यह प्रक्रिया इतनी आसान है जैसे हम किसी ऐप से खाना ऑर्डर कर रहे हों – बिना किसी लंबी कागज़ी कार्रवाई के।

और सबसे अच्छी बात – अब ₹500 या ₹1000 से भी आप Apple जैसे महंगे शेयर का एक छोटा हिस्सा खरीद सकते हैं। इसे ही कहते हैं फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग।

मतलब अब बड़े नामों से डरने की ज़रूरत नहीं। अगर आप iPhone नहीं खरीद सकते, तो क्या हुआ? आप Apple का एक छोटा टुकड़ा तो खरीद ही सकते हैं।

जोखिम और सावधानी – हर चमक सोना नहीं होती

Apple भले ही मजबूत कंपनी हो, लेकिन शेयर बाजार में कोई भी गारंटी नहीं होती।

  • डॉलर में निवेश का मतलब करेंसी रिस्क
  • टेक कंपनियों पर ज्यादा रेगुलेशन आ सकता है
  • मंदी के समय महंगे शेयर सबसे पहले गिरते हैं
इसलिए निवेश करने से पहले एक बात ज़रूर सोचिए – क्या आप उतार-चढ़ाव सहन कर सकते हैं?

और सबसे ज़रूरी बात – कभी भी किसी की बातों में आकर एकमुश्त पैसा न लगाएं। SIP जैसे तरीके अपनाएं, समय के साथ निवेश बढ़ाएं।

एक आम निवेशक की सोच – भावनाओं से फैसले तक

Apple का नाम सुनकर पहले पहल जो चौंक था, वो अब धीरे-धीरे समझ में बदल चुका है। जैसे-जैसे समय बीता, मैंने न सिर्फ कंपनी को जाना, बल्कि निवेश को भी एक आदत बना लिया। आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो एहसास होता है कि शेयर बाजार कोई जादू नहीं है – ये धैर्य, समझ और लगातार सीखने का खेल है।

पहले मैं भी दूसरों की तरह सोचता था कि शेयर बाजार में पैसे लगाना एक जुआ है। लेकिन जब मैंने Apple जैसी कंपनी को करीब से देखा, उसकी ग्रोथ, उसकी मैनेजमेंट, और उसके इनोवेशन को समझा – तब जाना कि असली निवेश वो होता है जहाँ आप कंपनी की वैल्यू को समझकर पैसे लगाते हैं, न कि सिर्फ उसके शेयर प्राइस को देखकर।

Apple और भावनात्मक जुड़ाव

Apple सिर्फ एक टेक कंपनी नहीं है – यह एक इमोशन है। जब कोई पहली बार iPhone खरीदता है, तो वो बस एक फोन नहीं ले रहा होता – वो Apple की पूरी फिलॉसफी को अपना रहा होता है। इस ब्रांड की खास बात यह है कि यह अपने कस्टमर्स के साथ एक गहरा रिश्ता बना लेता है। यही वजह है कि जो लोग एक बार Apple यूज़र बन जाते हैं, वो बार-बार इसी ब्रांड के प्रोडक्ट्स को अपनाते हैं।

मैंने खुद कई दोस्तों को देखा है – जो कभी एंड्रॉइड के सच्चे भक्त थे, लेकिन एक बार iPhone इस्तेमाल करने के बाद जैसे उनके नज़रिए में ही बदलाव आ गया। यही वो ब्रांड वैल्यू है जो Apple को बाकी कंपनियों से अलग बनाती है।

निवेश की असली कला – समय के साथ बढ़ना

बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं – “यार, अब तो Apple बहुत महंगा हो गया है, अब इसमें क्या रखा है?”

मैं मुस्कुराकर एक ही जवाब देता हूँ – “निवेश का मतलब है हिस्सेदारी लेना किसी विज़न में, न कि सस्ते-मेहंगे के चक्कर में पड़ना।”

अगर Apple आज भी टेक्नोलॉजी में आगे है, उसके पास बेमिसाल प्रोडक्ट्स हैं, वह हर साल नई दिशा में इनोवेशन कर रही है – तो फिर यह कंपनी आज भी उतनी ही मजबूत है जितनी वो 10 साल पहले थी। हाँ, कीमतें बढ़ गई हैं, लेकिन उसकी वैल्यू भी तो उतनी ही बढ़ी है।

बड़ी बात यह है कि आज के दौर में आप ज़रूरी नहीं कि पूरा एक शेयर खरीदें। आप ₹500 या ₹1000 से भी शुरुआत कर सकते हैं। यह सही मायनों में ‘आम आदमी का निवेश’ बन गया है।

Vision Pro – भविष्य की झलक

जब मैंने पहली बार Vision Pro के बारे में पढ़ा, तो दिमाग घूम गया। Apple अब सिर्फ स्मार्टफोन नहीं बना रहा – वो वर्चुअल रियलिटी, मिक्स्ड रियलिटी और मेटावर्स की दुनिया में एक क्रांति ला रहा है।

Vision Pro जैसे डिवाइस इस बात की मिसाल हैं कि Apple कभी भी स्थिर नहीं बैठता। जहाँ दूसरी कंपनियाँ पुराने प्रोडक्ट्स पर टिके रहने की कोशिश करती हैं, वहीं Apple हमेशा कुछ नया लेकर आता है – जो मार्केट को बदल देता है।

यह इनोवेशन ही है जो इसे निवेश के लिए इतना खास बनाता है। जब एक कंपनी लगातार आगे सोच रही हो, तो उसमें पैसे लगाना सिर्फ एक वित्तीय फैसला नहीं, एक रणनीतिक कदम होता है।

Warren Buffett और Apple – जब दुनिया का सबसे बड़ा निवेशक भरोसा करे

क्या आप जानते हैं कि वॉरेन बफेट, जो दुनिया के सबसे सफल निवेशकों में से एक हैं, उन्होंने Apple में सबसे ज्यादा पैसा लगाया है?

वॉरेन बफेट आमतौर पर टेक कंपनियों से दूर रहते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि इनका बिज़नेस बहुत तेज़ी से बदलता है। लेकिन Apple के मामले में वो खुद को रोक नहीं पाए।

उन्होंने कहा, “Apple न सिर्फ एक टेक कंपनी है, बल्कि यह एक कंज़्यूमर ब्रांड है, जिसमें ग्राहकों की वफादारी देखने लायक है।”

जब इतना बड़ा निवेशक किसी कंपनी को इतना पसंद करता है, तो आम निवेशकों के लिए यह एक बड़ा संकेत है।

Apple की ग्लोबल पकड़ – सिर्फ अमेरिका नहीं, पूरी दुनिया

Apple सिर्फ एक अमेरिकी कंपनी नहीं रह गई है। इसकी मौजूदगी आज हर कोने में है – यूरोप, एशिया, अफ्रीका, और भारत भी। खासतौर पर भारत जैसे उभरते हुए बाजार में Apple अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।

Apple अब भारत में मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू कर चुका है। iPhone अब भारत में भी बनने लगे हैं, जिससे न सिर्फ कंपनी की लागत कम होगी, बल्कि भारतीय निवेशकों के लिए यह एक अच्छी खबर भी है।

जिस कंपनी का फ्यूचर भारत जैसे देश से जुड़ रहा हो, उसका शेयर रखना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है।

Apple और डिविडेंड – सिर्फ ग्रोथ ही नहीं, कमाई भी

बहुत लोग सोचते हैं कि Apple जैसी ग्रोथ कंपनी सिर्फ प्राइस बढ़ने पर ही फायदा देती है, लेकिन सच्चाई यह है कि Apple नियमित रूप से अपने निवेशकों को डिविडेंड भी देती है।

यानि अगर आपने इसके शेयर खरीद रखे हैं, तो हर कुछ महीनों में आपको कुछ पैसे डिविडेंड के रूप में मिलते हैं। यह एक तरह की अतिरिक्त कमाई होती है, जो लॉन्ग टर्म निवेशकों को मिलती है।

Apple की चुनौतियाँ – हर कंपनी के पास होती हैं

अब बात करें कुछ खतरों की – क्योंकि कोई भी कंपनी पूरी तरह परफेक्ट नहीं होती।

Apple पर लगातार दबाव है कि वो पर्यावरण के नियमों का पालन करे, और उसे अपने प्रोडक्ट्स को और ज्यादा टिकाऊ और इको-फ्रेंडली बनाना होगा।

साथ ही, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर भी कंपनी पर पड़ सकता है, क्योंकि उसके कई प्रोडक्ट्स चीन में बनते हैं।

इसके अलावा, स्मार्टफोन मार्केट धीरे-धीरे सैचुरेट हो रहा है, जिससे कंपनी को नए क्षेत्रों में इनोवेशन करना ज़रूरी हो गया है – जैसे कि हेल्थकेयर, मेटावर्स, और ऑटोमोबाइल।

युवा निवेशकों के लिए सलाह – छोटे कदम, लंबा सफर

अगर आप एक युवा निवेशक हैं, तो हो सकता है कि आपको Apple जैसे शेयर बहुत बड़े लगें। लेकिन सच्चाई यह है कि आप जितना जल्दी शुरुआत करेंगे, उतना ज्यादा फायदा आपको मिलेगा।

मान लीजिए आप हर महीने सिर्फ ₹1000 Apple के शेयर में निवेश करते हैं, और यह पैसा 15% के हिसाब से बढ़ता है – तो 20 साल में यह रकम लाखों में बदल सकती है।

निवेश का मतलब ये नहीं कि एक झटके में अमीर बनना – बल्कि यह है कि धीरे-धीरे, समझदारी से, समय के साथ अपने पैसे को बढ़ाना।

मेरा अनुभव – Apple ने मुझे निवेश की भाषा सिखाई (निष्कर्ष)

जब मैंने पहली बार Apple के शेयर में पैसे लगाए थे, तो मैं खुद बहुत उलझन में था। लोग कहते थे, “इतनी ऊँचाई पर है, गिर जाएगा।” कुछ कहते, “इतना तो Amazon दे रहा है, उधर जा।” लेकिन मेरा मन कह रहा था – “इस कंपनी में कुछ खास है।”

शुरुआत में थोड़ी घबराहट हुई – शेयर नीचे भी गया। लेकिन मैंने जल्दी घबराकर बेचा नहीं। समय के साथ समझ आया कि शेयर बाजार में धैर्य सबसे बड़ा हथियार होता है।

Apple के शेयर ने मुझे सिखाया कि निवेश का मतलब बस पैसा बनाना नहीं होता – यह एक सोच है, एक भरोसा, जो वक्त के साथ परखा जाता है।

अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो खुद पर गर्व होता है कि उस दिन डर के बावजूद मैंने वो पहला कदम उठाया।

FAQ: Apple शेयर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवाल

  1. क्या मैं Apple के शेयर में ₹1000 से निवेश कर सकता हूँ?
    हाँ, बिल्कुल। अब fractional investing के ज़रिए ₹1000 से भी आप Apple के हिस्सेदार बन सकते हैं।
  2. कौन-कौन से ऐप्स इसके लिए सबसे भरोसेमंद हैं?
    Groww, INDmoney, Vested और Zerodha जैसे ऐप्स विदेशी शेयरों में निवेश के लिए अच्छे माने जाते हैं।
  3. टैक्स की प्रक्रिया कैसी होती है?
    अगर आप भारत से विदेशी शेयरों में निवेश करते हैं, तो ध्यान दें कि Long Term Capital Gain यानी दीर्घकालिक पूंजी लाभ पर टैक्स देना होता है। यह टैक्स लगभग 20% होता है, हालांकि इसमें indexation benefit यानी मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर कुछ राहत भी मिलती है।
  4. क्या Apple का शेयर सुरक्षित माना जाता है?
    Apple टेक्नोलॉजी सेक्टर की सबसे भरोसेमंद कंपनियों में से एक है, लेकिन शेयर बाजार में कोई भी निवेश पूरी तरह रिस्क-फ्री नहीं होता।
  5. क्या iPhone खरीदने से बेहतर है कि Apple का शेयर खरीदें?
    अगर आप पैसा बढ़ाना चाहते हैं तो iPhone से ज़्यादा समझदारी हो सकती है कि आप उसी कंपनी के शेयर में निवेश करें।
  6. क्या डॉलर में निवेश करना मतलब नुकसान का खतरा है?
    नहीं, बल्कि कई बार डॉलर मजबूत होने से आपको और फायदा हो सकता है। लेकिन हाँ, करेंसी उतार-चढ़ाव एक फैक्टर होता है।
  7. Apple के अलावा कौन सी विदेशी कंपनियाँ अच्छे विकल्प हैं?
    Microsoft, Google (जिसे अब Alphabet कहा जाता है), और Amazon जैसी दिग्गज टेक कंपनियाँ भी निवेश के लिहाज से बेहद संभावनाओं से भरी हुई हैं। इन कंपनियों की तकनीकी पकड़, वैश्विक विस्तार और लगातार हो रहा विकास इन्हें निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।
  8. क्या ये निवेश लॉन्ग टर्म के लिए सही रहेगा?
    अगर आपका नजरिया 5 साल या उससे ज्यादा का है, तो Apple जैसा ब्रांड बेहतर रिटर्न दे सकता है।
  9. क्या इसमें हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश किया जा सकता है?
    हाँ, आप हर महीने SIP जैसे तरीके से भी निवेश कर सकते हैं।
  10. क्या Apple का शेयर कभी डूब सकता है?
    शेयर बाजार में कुछ भी असंभव नहीं, लेकिन Apple जैसी मजबूत कंपनी में गिरावट की संभावना कम होती है – खासकर लंबे समय में।

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